वाट्सएप पर मंत्री टीएस सिंहदेव की फोटो लगाकर करीबियों से ठगी के प्रयास, एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट ने शुरू की जांच

 


फेसबुक में फोटो लगाकर ठगी करने वाले ठगों ने अब वाट्सएप पर ठगी शुरू कर दी है। अज्ञात ठग वाट्सएप प्रोफाइल पर मंत्री की फोटो लगाकर आनलाइन ठगी कर रहे हैं। स्वास्थ्य एवं वाणिज्यिक कर मंत्री टीएस सिंहदेव ने सिविल लाइन थाने में आनलाइन ठगी करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है।


मामले में एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की टीम ने नंबर के आधार पर जांच शुरू कर दी है। शिकायत में बताया गया है कि इंटरनेट मीडिया वाट्सएप के जरिए मंत्री टीएस सिंहदेव के नाम और उनकी फोटो का दुरुपयोग कर दो फर्जी मोबाइल नंबर से फोन मैसेज के माध्यम से विभागीय अधिकारियों को भ्रामक संदेश भेजकर उनसे ठगी का प्रयास किया जा रहा है।


ऐसे सामने आया मामला


वाणिज्यिक कर विभाग में पदस्थ हेमंत सिन्हा, तरुण किरण और नरेश हुर्रा के पास मंत्री के फोटो लगे नंबर से मैसेज आया। नंबर के वाट्सएप पर मंत्री सिंहदेव की प्रोफाइल पिक्चर लगाई गई थी। नंबर पर इंट्रोडक्शन भी मिस्टर टीएस सिंहदेव के तौर पर लिखा गया। जब अफसरों के पास इस नंबर से मैसेज गया तो वे हड़बड़ा गए। उन्हें लगा कि मंत्री खुद उन्हें मैसेज कर रहे हैं, अधिकारी भी जवाब देते रहे।


इन अनजान फोन नंबरों से जब अधिकारियों को अमेजान गिफ्ट कार्ड के नाम पर मैसेज भेजकर रकम वसूली का प्रयास करने की कोशिश की गई, तब अधिकारियों को लगा कि इस नंबर के पीछे कोई ठग हो सकता है। मंत्री के कार्यालय से अधिकारियों ने संपर्क किया तो पता चला कि मंत्री की तरफ से ऐसा कोई मैसेज भेजा नहीं गया है और न ही यह नंबर मंत्री टीएस सिंहदेव इस्तेमाल करते हैं। सिंहदेव को भी इस बात की खबर लगी तो उन्होंने फौरन अपने कर्मचारी को भेजकर मामले की शिकायत थाने में करवाई है।


फेसबुक क्लोन कर मांगे जाते हैं पैसे


ठग किसी की भी प्रोफाइल पिक्चर चुराकर उसकी फर्जी फेसबुक आइडी तैयार करते हैं। इसके बाद करीबियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर पैसे की मांग करते हैं। कई लोग झांसे में आकर पैसे गंवा दे रहे हैं।


अलग-अलग तरीके से करते हैं ठगी


हाल ही में दो डाक्टरों को ठगी का शिकार बनाया गया। इसमें आर्मी का जवान बनकर ठगी गई। दोनों डाक्टर त्वचा रोग विशेषज्ञ हैं। जवानों की जांच के नाम पर ठगी की गई। रजिस्ट्रेशन के पैसे जमा करने के नाम खाते से लाखों रुपये निकाल लिए। ठग भरोसा जीतने के लिए खुद को आर्मी का जवान या अधिकारी बताते हैं। इसके बाद चेकअप करवाने के नाम ठगी करते हैं।


ऐसे करें बचाव


एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट प्रभारी गौरव तिवारी ने बताया कि अगर किसी भी व्यक्ति के पास अज्ञात नंबर से फोन या मैसेज आता है तो वह सबसे पहले अपने करीबी से बात करे। किसी भी बहकावे में न आए। किसी भी लिंक को ओपन न करें। सतर्क रहकर ठगी से बचा जा सकता है।

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