मानव पिरामिड के अद्भुत संतुलन पर शानदार राठवां नृत्य जिसे देख दर्शको ने दांतों तले ऊंगली दबा ली
गुजरात के लोक कलाकारों द्वारा दिखाया गया राठवां नृत्य जिसने भी देखा, कलाकारों की प्रतिभा को देखकर चकित रह गया। शारीरिक संतुलन की ऐसी प्रतिभा का प्रदर्शन अमूमन सैन्य परेड में जवानों द्वारा किया जाता है लेकिन यहां कलाकारों ने अपनी शारीरिक लोच से अद्भुत रूप से पिरामिड बनाये।
यही नहीं, इन अलग अलग कलाकृति के पिरामिडों में आंगिक अभिव्यक्ति की। इस तरह का संतुलन और हाव भाव की प्रस्तुति ऐसी थी कि सभी का मन इन लोक कलाकारों ने मोह लिया। खूबसूरत गुजराती परिधानों में इन कलाकारों की कला की खूबसूरती और भी निखर गई थी।
राठवां नृत्य का एक दृश्य बेहद खास रहा जिसमें कलाकारों ने इस तरह से अपनी पोजीशन बनाई कि लगा कोई देवी या राजपरिवार की कोई सदस्य है जिनका रथ जा रहा है और लोक कलाकार उत्सव से भरे हुए इस रथ को आगे ले जा रहे हैं और जुलूस में शामिल लोग झूम रहे हैं। खास तरह की सजावट ने इस नृत्य को रंगीन कर दिया। गुजराती वेशभूषा और आभूषणों की झलक भी इस नृत्य में दिखी। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय आदिवासी कला महोत्सव का आज तीसरा दिन है और लोगों की काफी भीड़ विभिन्न राज्यों के नृत्य देखने जुट रही है।
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