मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल से प्रदेश में खेलों को मिल रहा बढ़ावा,युवाओं को मिलेगा फुटबॉल, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल और तैराकी का उत्कृष्ट प्रशिक्षण
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल से प्रदेश में खेलों को बढ़ावा मिल रहा है। उनकी मंशानुसार प्रदेश में खेल अकादमियों का निर्माण किया जा चुका है और उन्हें नई तकनीकों, सुविधाओं के साथ विकसित किया जा रहा है। बघेल ने अपने कोरबा प्रवास के दौरान कोरबा में खेल अकादमी विकसित किए जाने की घोषणा की थी। परिणामस्वरूप कोरबा स्थित इंदिरा प्रियदर्शनी स्टेडियम में विकसित किए जा रहे खेल अकादमी के संचालन और संधारण के लिए नगर निगम कोरबा, खेल एवं युवा कल्याण विभाग तथा बालको के बीच एमओयू किया गया। एमओयू के अनुसार भारत एल्यूमीनियम कंपनी लिमिटेड बालको ने खेल अकादमी के संचालन, संधारण, देखभाल और खिलाड़ियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ली है। जिले के युवाओं को फुटबॉल, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल और तैराकी के साथ विभिन्न खेलों का उत्कृष्ट प्रशिक्षण मिल सकेगा। इस दौरान कोरबा कलेक्टर संजीव झा, नगर निगम आयुक्त प्रभाकर पांडे, खेल एवं युवा कल्याण विभाग कोरबा के तरफ से खेल अधिकारी दीनू पटेल एवं बालकों के सीईओ अभिजीत पति मौजूद रहे।
नगर निगम आयुक्त प्रभाकर पांडे ने बताया कि खेल अकादमी के संचालन के लिए हुए समझौता अनुसार युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के जैसे खेलों की उत्कृष्ट तैयारी करवाई जाएगी। जिससे जिले के युवाओं को खेलों में अपनी प्रतिभा दिखाने का बेहतरीन अवसर मिलेगा। समझौता प्रारंभिक तौर पर 5 वर्ष के लिए किया गया है। पांच वर्ष पश्चात एमओयू को अगले 5 वर्ष के लिए पुनः बढ़ाया जा सकेगा। समझौता अनुसार खेल अकादमी में खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और स्किल डेवलपमेंट के सभी व्यय बालको वहन करेगा। साथ ही अकादमी में कर्मचारियों की जरूरत और अन्य स्टाफ जैसे सीनियर इंस्ट्रक्टर, वार्डन, ट्रेनर, ग्राउंड मैन, वाहन चालक आदि की व्यवस्था भी नगर निगम और खेल विभाग की देखरेख में बालको द्वारा किया जाएगा। खेल अकादमी के जरूरत अनुसार समय-समय पर खिलाड़ियों की सुविधाओं की पूर्ति भी बालको द्वारा की जाएगी। समझौता के अनुसार खेल अकादमी में खेल गतिविधियों की देखरेख, निरीक्षण एवं खिलाड़ियों तक खेल सुविधाओं की पहुंच की निगरानी खेल एवं युवा कल्याण विभाग कोरबा द्वारा की जायेगी। साथ ही अकादमी में खेल अकादमी संचालन नियम 2014 के अनुपालन की निगरानी भी विभाग द्वारा की जाएगी।
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