रायपुर : महिलाओं की आर्थिक स्थिति अमृत सरोवर योजना से हो रही सुदृढ़
रायपुर, 14 जुलाई 2023
राज्य के तालाबों का उपयोग अब गांवों की आर्थिक तरक्की के लिए होने लगा है। तालाबों का मछली पालन, बतख पालन, सिंघाड़े की खेती, जल पर्यटन और अन्य गतिविधियों जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा रहा है। यह रोजगार मूलक भी है। अमृत सरोवर निर्माण से उमरगांव एक सामाजिक मिलन स्थल के रूप में भी स्थापित होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
ऐतिहासिक बूढ़ा तालाब अब ग्रामीणों के आय स्त्रोत का एक जरिया बन चुका है। कुछ वर्षाें पहले तक जिस तालाब का जलस्तर लगातार घट रहा था, आज वह बारह महीने पानी से लबालब रहता है। धमतरी जिला के नगरी विकासखंड स्थित ग्राम पंचायत उमरगांव स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जंगल सत्याग्रह और झंडा सत्याग्रह जैसे महान योगदानों का हिस्सा रहा है। आदिवासी बाहुल्य उमरगांव में आदिदेव बूढ़ादेव के नाम से इस तालाब का निर्माण कराया गया था, जो धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खोता जा रहा था। तालाब का जलस्तर लगातार गिर रहा था, परंतु आज अमृत सरोवर योजना से बूढ़ादेव तालाब को नया जीवन मिल गया है।
धमतरी जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोक्तिमा यादव ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार गांवों में अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों के जीर्णोद्धार और निर्माण किया जा रहा है। गर्मी के दिनों में पेयजल, सिंचाई संबंधित जल व्यवस्था और भूमिगत जल का स्तर बनाये रखने के लिए किया जा रहा है। इस योजना से सरोवर पानी संग्रहण हेतु कारगर सिद्ध हो रहे हैं। निर्माण कार्य में ग्रामीणों विशेषकर महिलाओं की सक्रिय भागीदारी रही है। महिलाओं को व्यवसाय के प्रति स्वावलंबी बनाने के लिए निर्मित अमृत सरोवर में मछली पालन की ओर उन्मुख किया जा रहा है। महिलाओं में भी व्यवसाय के प्रति आत्मविश्वास बढ़ा है। आज महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है। विश्वास और आत्मनिर्भरता की कहानी खुदबखुद गढ़ रही हैै।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में मनरेगा योजना के तहत कुल 1.40 एकड़ क्षेत्र के लिए 12.88 लाख रूपये की लागत से आदिदेव बूढ़ादेव को अमृत सरोवर योजना से जीर्णाेद्धार किया गया। अमृत सरोवर का मतलब ही है सरोवर में लबालब पानी भरा रहे। इस योजना के माध्यम से 150 श्रमिकों ने उक्त निर्माण कार्य से 3165 मानव दिवस अर्जित किया और उन्हें मजदूरी भी प्राप्त हुई। बूढ़ा तालाब अब ग्रामीणों की निस्तारी का एक स्त्रोत बनने के साथ ही आमदनी का जरिया भी बन गया है। ग्रामीण परिवेश में खासतौर पर ऐसे सरोवरों में मछली पालन व सिंघाड़ा का उत्पादन कर समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त एवं समृद्ध हो रही है।
ग्राम पंचायत सरपंच सुरेश नेताम ने बताया कि बूढ़ादेव तालाब अमृत सरोवर निर्माण होने से जल संग्रहण की सुविधा में बढ़ोत्तरी हुई है। इनलेट और आउटलेट निर्माण से सरोवर का कायाकल्प हुआ है। तालाब के किनारे नीम, बरगद, पीपल एवं अन्य छायादार पौधों का रोपण होने से हर राहगीर को छांव मिलेगा। वर्षों का सपना अमृत सरोवर निर्माण से साकार हुआ। अब ग्रामीणों को निस्तारी सुविधा में कठिनाई नहीं होगी।
ऐतिहासिक बूढ़ा तालाब अब ग्रामीणों के आय स्त्रोत का एक जरिया बन चुका है। कुछ वर्षाें पहले तक जिस तालाब का जलस्तर लगातार घट रहा था, आज वह बारह महीने पानी से लबालब रहता है। धमतरी जिला के नगरी विकासखंड स्थित ग्राम पंचायत उमरगांव स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जंगल सत्याग्रह और झंडा सत्याग्रह जैसे महान योगदानों का हिस्सा रहा है। आदिवासी बाहुल्य उमरगांव में आदिदेव बूढ़ादेव के नाम से इस तालाब का निर्माण कराया गया था, जो धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खोता जा रहा था। तालाब का जलस्तर लगातार गिर रहा था, परंतु आज अमृत सरोवर योजना से बूढ़ादेव तालाब को नया जीवन मिल गया है।
धमतरी जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोक्तिमा यादव ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार गांवों में अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों के जीर्णोद्धार और निर्माण किया जा रहा है। गर्मी के दिनों में पेयजल, सिंचाई संबंधित जल व्यवस्था और भूमिगत जल का स्तर बनाये रखने के लिए किया जा रहा है। इस योजना से सरोवर पानी संग्रहण हेतु कारगर सिद्ध हो रहे हैं। निर्माण कार्य में ग्रामीणों विशेषकर महिलाओं की सक्रिय भागीदारी रही है। महिलाओं को व्यवसाय के प्रति स्वावलंबी बनाने के लिए निर्मित अमृत सरोवर में मछली पालन की ओर उन्मुख किया जा रहा है। महिलाओं में भी व्यवसाय के प्रति आत्मविश्वास बढ़ा है। आज महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है। विश्वास और आत्मनिर्भरता की कहानी खुदबखुद गढ़ रही हैै।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में मनरेगा योजना के तहत कुल 1.40 एकड़ क्षेत्र के लिए 12.88 लाख रूपये की लागत से आदिदेव बूढ़ादेव को अमृत सरोवर योजना से जीर्णाेद्धार किया गया। अमृत सरोवर का मतलब ही है सरोवर में लबालब पानी भरा रहे। इस योजना के माध्यम से 150 श्रमिकों ने उक्त निर्माण कार्य से 3165 मानव दिवस अर्जित किया और उन्हें मजदूरी भी प्राप्त हुई। बूढ़ा तालाब अब ग्रामीणों की निस्तारी का एक स्त्रोत बनने के साथ ही आमदनी का जरिया भी बन गया है। ग्रामीण परिवेश में खासतौर पर ऐसे सरोवरों में मछली पालन व सिंघाड़ा का उत्पादन कर समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त एवं समृद्ध हो रही है।
ग्राम पंचायत सरपंच सुरेश नेताम ने बताया कि बूढ़ादेव तालाब अमृत सरोवर निर्माण होने से जल संग्रहण की सुविधा में बढ़ोत्तरी हुई है। इनलेट और आउटलेट निर्माण से सरोवर का कायाकल्प हुआ है। तालाब के किनारे नीम, बरगद, पीपल एवं अन्य छायादार पौधों का रोपण होने से हर राहगीर को छांव मिलेगा। वर्षों का सपना अमृत सरोवर निर्माण से साकार हुआ। अब ग्रामीणों को निस्तारी सुविधा में कठिनाई नहीं होगी।
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