रायपुर : वन भूमि का पट्टा देने में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य
रायपुर, 08 अगस्त 2023
छत्तीसगढ प्राकृतिक वन संपदा और यहां सदियों से निवासरत आदिवासी समुदाय राज्य की एक अलग पहचान हैं। यहां की पहचान लोक कला संस्कृति रीति रिवाज, नृत्य महोत्सव अपनी गौरवशाली संस्कृति को बनाकर रखी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासियों को उनके सभी अधिकार पहुंचाने की जो पहल शुरू की वनांचल क्षेत्र में बरसों से रहने वाले आदिवासी परिवारों को वन अधिकार पत्र दिया गया है। ताकि अपने काबिज भूमि में खेती बाड़ी से आर्थिक तरक्की कर सके। मुख्यमंत्री ने किसानों की जमीन वापसी तेंदूपत्ता संग्रहण दर को 2500 रूपए प्रति मानकर बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा करके किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाई है। वेल्यू एडीशन करके हमने न सिर्फ़ वनवासियों की आय में बढ़ोतरी की है। बल्कि रोजगार के अवसरों का भी निर्माण किया है। छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी समुदाय के जुड़े हर मसले को पूरी संवेदनशीलता और तत्परता से निराकरण करने के साथ उनकी बेहतरी के लिए कदम उठा रही है।
रायपुर, 08 अगस्त 2023
वन अधिकार पट्टाधारी वनवासियों के जीवन को आसान बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उनके पट्टे की भूमि का समतलीकरण,मेड़बधान, सिंचाई की सुविधा के साथ साथ,खाद बीज एवं कृषि उपकरण की भी उपलब्ध कराएं जा रहे हैं। वन भूमि पर खेती करने वाले वनवासियों को आम किसानों की तरह शासन की योजनाओं का लाभ मिलने लगा है। वनांचल में कोदों कुटकी रागी की बहुलता से खेती करने वाले आदिवासियों को उत्पादन के लिए प्रति एकड़ 9 हजार रुपए इनपुट सब्सिडी देने का प्रावधान है।इसके साथ ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना का भी लाभ दिया जा रहा है।
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