भारतीय जैन संघटना ने कबीरधाम में तालाब पुनर्जीवन का शुभारंभ किया
कवर्धा । भारतीय जैन संघटना ने पूरे भारत में जिन 100 जिलों मे पानी की कमी है या 2028 तक होने वाली है, तालाबों का पुनर्जीवन कार्य करने का mou नीति आयोग भारत सरकार और भारतीय जैन संघटना के साथ हुआ है। उसके तहत छत्तीसगढ़ के 6 जिलों में कबीरधाम भी शामिल है। इस साल कबीरधाम जिले मे 6 तालाबों में पुनर्जीवन का कार्य होना है। जिसमें दो शुरू हो गए है। भालूचुवा, बिसनपुरा, और कवर्धा जल्द शुरू करेंगे और दो तालाब के लिए चर्चा चल रही है।
14 मई को कबीरधाम जिले मे "सुखा - मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान" के तहत भारतीय जैन संघटना द्वारा ग्राम सोनपुरी (रानी) के जूना तालाब का पुनर्जीवन कार्य का औपचारिक शुभारंभ अतिथियों एवं ग्रामीणों की उपस्तिथि में एक कार्यक्रम में हुआ। सर्वप्रथम मंगलाचरण श्रीमती रीतू बरडीया ने महिला मंडल की ओर से किया। अतिथियों द्वारा भारत माता के पूजन, माल्यार्पण कर कार्यक्रम को गति दी गयी। अतिथियों का स्वागत माल्यार्पण एवं श्रीफल भेंट कर सुनील लूनिया, पारस श्रीश्रीमाल, अनिल लूनिया, प्रतिक लूनिया, विनीत नाहटा, नीता लूनिया, रुपल पारख, अखिल लूनिया आदि द्वारा किया गया.
इस अवसर पर सरपंच सोनपुरी (रानी) गणेश राम साहू, उपसरपंच श्रीमति सगुना जांगड़े, ग्राम पटेल उपदेश नाथ योगी, समाजसेवी घनश्याम साहू, तालाब पुनर्जीवन के आर्थिक सहयोगी भामाशाह हरीलाल साहू, भामाशाह शोभाराम साहू सहित भारी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में दानवीर हरिराम साहू एवं शोभ्रम साहू का तिलक माल्यार्पण के साथ अभिनन्दन किया गया। भारतीय जैन संघटना कवर्धा जिला शाखा के अध्यक्ष डॉ अतुल जैन, सचिव अमित बरडीया, वाटर हेड सुनील लूनिया, BJS महिला शाखा से अध्यक्ष श्रीमति नीता लूनिया, कोषाध्यक्ष श्रीमति रुपल पारख, डॉ रानी संगीता जैन, श्रीमति रीतु बरडीया, श्रीमति अमिता पारख, कोषाध्यक्ष विजय लूनिया, पारस श्रीश्रीमाल, अनिल लूनिया, प्रतिक लूनिया, बबलू नाहटा, अखिल लूनिया की उल्लेखनीय उपस्तिथि रही। लायन प्रेमचंद श्रीश्रीमाल, संरक्षक अतुल देशलहरा, जैन स्थानक अध्यक्ष नेमीचंद श्रीश्रीमाल, मंत्री गेंदमल मोदी आदि ने संघटना की अपने उद्बोधन में भूरि भूरि प्रशंसा की। जैन संघटना के प्रकल्प की विस्तृत जानकारी देते हुए जिलाध्यक्ष डॉ अतुल जैन ने कृतज्ञता व्यक्त की। स्वल्पाहार एवं राष्ट्रगान के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ।
No comments:
Post a Comment