राहुल VS दिनेश प्रताप, रायबरेली में कौन किस पर पड़ेगा भारी
नई दिल्ली। शुक्रवार को कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी के सस्पेंस से पर्दा उठा दिया. जहां रायबरेली से राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं तो अमेठी से किशोरी लाल शर्मा पार्टी के उम्मीदवार हैं. दिलचस्प बात है कि तीन मई को जब नामांकन की आखिरी तारीख थी तो उसी दिन अंतिम पलों में कांग्रेस की तरफ से यह बड़ा ऐलान किया गया. अमेठी की तरह रायबरेली भी हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा है. गुरुवार यानी दो मई को ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की तरफ से रायबरेली के लिए प्रत्याशी का ऐलान किया गया. यहां से पार्टी ने दिनेश प्रताप सिंह को टिकट दिया है. अब यह तो वक्त ही बताएगा कि कौन किस पर भारी पड़ेगा लेकिन आंकड़ें कांग्रेस की तरफ इशारा कर रहे हैं.
जिस दिनेश प्रताप सिंह को बीजेपी ने अपना कैंडीडेट घोषित किया है, वह साल 2018 में कांग्रेस छोडक़र पार्टी में आए हैं. वह उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और बीजेपी नेता हैं. 2019 में उनका मुकाबला रायबरेली में सोनिया गांधी से था. दिनेश प्रताप सिंह को उस चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था. वह पिछले लोकसभा चुनाव में रायबरेली में दूसरे नंबर पर आए थे. दिनेश प्रताप सिंह पहली बार साल 2010 में और दूसरी बार 2016 में कांग्रेस से विधान परिषद के सदस्य बने थे. फिर उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया और बीजेपी का दामन थाम लिया. साल 2022 में दिनेश प्रताप सिंह बीजेपी के टिकट पर रिकॉर्ड वोटों से जीतकर तीसरी बार एमएलसी बने थे.
बीजेपी को जीत की उम्मीद
बीजेपी की ओर से रायबरेली से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद दिनेश प्रताप सिंह ने कहा, ‘मैं देश को आश्वस्त करता हूं कि रायबरेली से ‘नकली’ गांधी परिवार की विदाई तय है. यह तय है कि बीजेपी का ‘कमल’ खिलेगा और कांग्रेस हारेगी.’ दिनेश प्रताप सिंह इस बार जीत के लिए किस कदर आश्वस्त हैं इस बात का अंदाजा उनके एक बयान से ही लगाया जा सकता है. उन्होंने गुरुवार को कहा, ‘मैंने चार बार की सांसद सोनिया गांधी के खिलाफ भी चुनाव लड़ा है. इसलिए प्रियंका, राहुल गांधी मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं. जो भी गांधी रायबरेली आएंगे, वे हारेंगे.’
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