चमत्कारिक उपचार के नाम पर संतान देने का दावा करने वाले बाबा पर हो कार्रवाई : डॉ. दिनेश मिश्र

 

महासमुंद। ग्राम बूटीपाली में निसंतान दंपतियों को चमत्कारिक उपचार से संतान देने का दावा करने वाले बाबा पीतांबर जगत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र लिखकर जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

डॉ. मिश्र ने कहा कि पीतांबर जगत नामक व्यक्ति, जो मात्र पांचवी पास है, कुछ दिनों से अपना दरबार लगाकर निसंतान दंपतियों को संतान देने, बीमारियों को ठीक करने और अन्य चमत्कारिक दावे कर रहा है। उन्होंने बताया कि यह सभी दावे चिकित्सा विज्ञान के दृष्टिकोण से पूरी तरह अप्रमाणिक और झूठे हैं।

डॉ. मिश्र ने बाबा पीतांबर जगत के निम्नलिखित दावों को झूठा और भ्रामक बताया:

प्रसाद नींबू से गर्भधारण: बाबा का दावा है कि उनके द्वारा खिलाए गए प्रसाद नींबू से 15 मिनट में निसंतान दंपतियों में गर्भधारण हो जाता है।

अल्ट्रासाउंड में गर्भ का न दिखना: बाबा का दावा है कि गर्भधारण के बाद भी सोनोग्राफी में गर्भ नहीं दिखाई देगा, जो चिकित्सा विज्ञान के विपरीत है।

चार महीने में स्वस्थ बच्चा: बाबा का दावा है कि उनके इलाज से चार से पांच महीने में भी स्वस्थ बच्चा पैदा हो सकता है।

उम्रदराज महिलाओं का गर्भधारण: बाबा का दावा है कि 50 वर्ष से ऊपर की महिलाएं भी गर्भवती हो सकती हैं, भले ही उनका मासिक धर्म बंद हो चुका हो।

गर्भधारण के बावजूद मासिक धर्म: बाबा का दावा है कि गर्भधारण के बावजूद महिलाओं का मासिक धर्म चलता रहेगा।

छोटे बच्चों को चलाना: बाबा का दावा है कि चार महीने या उससे भी छोटे बच्चों को भी चलाया जा सकता है।

भ्रूण में मूवमेंट: बाबा का दावा है कि प्रारंभिक अवस्था में ही भ्रूण में मूवमेंट होता है।

लिंग निर्धारण और जुड़वा बच्चे: बाबा का दावा है कि वह लड़के या लड़की पैदा होने के लिए अलग-अलग दवा दे सकते हैं और बिना जांच के जुड़वा बच्चों का दावा कर सकते हैं।

डॉ. मिश्र ने कहा कि बाबा पीतांबर जगत के इन भ्रामक दावों से ग्रामीण जनता भ्रमित हो रही है और संतान की आस में उनके पास आ रही है, जिससे अंधविश्वास फैल रहा है। उन्होंने इंडियन ड्रग एंड मेडिक रेमेडी एक्ट 1954 के तहत इस प्रकार के चमत्कारिक उपचार के दावों को अवैज्ञानिक और गलत बताया।

डॉ. मिश्र ने जिलाधीश, पुलिस अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर मामले की जांच और आवश्यक कार्रवाई की मांग की है ताकि ग्रामीण जनता को अंधविश्वास और धोखाधड़ी से बचाया जा सके। हाल ही में अन्य स्थानों पर ऐसे ही चमत्कारिक दावों के चलते भगदड़ और दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनसे जानमाल की हानि हुई है। इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रशासन की त्वरित कार्रवाई आवश्यक है।

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