विश्व आदिवासी दिवस पर भाजपा ने किया आदिवासियों का अपमान : कांग्रेस

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर 9 अगस्त को छत्तीसगढ़ में आयोजित कार्यक्रमों का बहिष्कार करके भारतीय जनता पार्टी ने आदिवासियों के सम्मान को ठेस पहुंचाई है। भाजपा सरकार द्वारा रायपुर में आयोजित दो प्रमुख कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया, जिसमें आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वरिष्ठ आदिवासी मंत्री रामविचार नेताम को शामिल होना था।

उन्होंने बताया कि रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को शामिल होना था, लेकिन उन्होंने अंतिम समय पर इस कार्यक्रम में शामिल न होने का फैसला किया। वहीं महंत घासीदास संग्रहालय की कला वीथिका में आदिवासियों पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन रामविचार नेताम द्वारा किया जाना था, जिसे 'अपरिहार्य कारणों से' स्थगित कर दिया गया।

पीसीसी चीफ ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के बहिष्कार का कारण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के दबाव को बताया जा रहा है। आरएसएस से जुड़े वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने इस दिवस को अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र करार देते हुए इसे अप्रासंगिक बताया। उनके इस बयान के बाद भाजपा सरकार पर दबाव बढ़ा और उन्होंने आदिवासी दिवस के कार्यक्रमों का बहिष्कार किया।

कांग्रेस ने भाजपा पर आदिवासियों का अपमान करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा की सरकार नागपुर से संचालित हो रही है और वह आरएसएस के इशारों पर काम कर रही है। इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा और आरएसएस आदिवासी समाज को सिर्फ वोट बैंक के रूप में देखते हैं और उनकी संस्कृति और परंपराओं का सम्मान नहीं करते।

छत्तीसगढ़ की 32 प्रतिशत आबादी आदिवासियों की है, जो अब भाजपा के इस कदम से नाराज हैं। कांग्रेस का दावा है कि भाजपा के इस बहिष्कार ने आदिवासी समाज की आंखें खोल दी हैं और अब वे भाजपा के असली मकसद को समझ गए हैं।

कांग्रेस ने इस मुद्दे पर भाजपा और आरएसएस से जवाब मांगते हुए पूछा है कि आरएसएस आदिवासियों की संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ क्यों है? साथ ही, भाजपा के आदिवासी मुख्यमंत्री और मंत्रियों से यह सवाल किया गया है कि वे आरएसएस के दबाव में कब तक काम करेंगे?

कांग्रेस ने भाजपा की इस हरकत की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि वे इस मुद्दे को हर मंच पर उठाएंगे और आदिवासी समाज को भाजपा और आरएसएस की सच्चाई से अवगत कराएंगे।

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