कैंप कार्यालय में महिन्दर और सुश्री मंदाकिनी को दिया गया श्रवण यंत्र
जशपुर।ग्राम पंचायत बगिया स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय उम्मीदों का नया आशियाना बनता जा रहा है। यहां बहुत उम्मीद के साथ आम लोग अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचते हैं। कैंप कार्यालय में उनकी समस्याओं को न केवल गंभीरतापूर्वक सुना जा रहा है, बल्कि उनका यथोचित सामाधान भी किया जा रहा है। इसी तरह अपनी श्रवणबाधित की समस्या के समाधान की आस लिए सुश्री मंदाकिनी यादव और महिन्दर कश्यप मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय पहुंचे। कैंप कार्यालय में उन्हें श्रवण यंत्र प्रदान किया गया है। अब वे आसानी से सुन सकते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करतें हुए कहा कि यहां कैंप कार्यालय खुलने से लोगों की जरूरतें पूरी हो रही है।
60 वर्षीय ग्राम दोकड़ा, विकासखंड कांसाबेल निवासी महिन्दर कश्यप विगत कई वर्षों से कान से न सुनने की समस्या से पीड़ित थे। इस समस्या की वजह से उन्हें अपने दैनिक जीवन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। वे अपनी इस समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय कैंप पहुंचे। कैंप कार्यालय में उनकी समस्या का तत्काल संज्ञान लेते हुए उन्हें श्रवण यंत्र प्रदान किया गया। श्रवण यंत्र मिलने से अपनी खुशी जाहिर करते हुए कश्यप बताते हैं कि उन्हें अब सुनने में कोई परेशानी नहीं होती है। अपने दैनिक जीवन के कार्याकलापों में भी उन्हें आसानी हो रही हैं। उन्होंने बताया सबसे बड़ी खुशी की बात यह है की उनका साढ़े 3 साल का पोता है। अब उनकी मीठी जुबान को भी वह आसानी से सुन सकता है और उनसे ढेर सारी बातें कर सकता हैं।
इसी तरह श्रवणबाधित की समस्या से परेशान ग्राम मृखोल पंचायत सुण्डरू पोस्ट जामबहार तहसील फरसाबार निवासी सुश्री मंदाकिनी यादव भी मुख्मंत्री कैंप कार्यालय में श्रवण यंत्र मिलने से काफी खुश हैं। वे बताती हैं कि उनकी ना सुनने की समस्या के इलाज के लिए बहुत से अस्पतालों में गई। लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया। जिससे वह काफी निराश हो गई थी। उन्हें जब पता चला कि कैंप कार्यालय से उनकी समस्या का सामाधान हो सकता है तो उन्होंने आवेदन किया। कैंप कार्यालय में उनकी समस्या को संज्ञान लेते हुए श्रवण यंत्र दिया गया है। श्रवण यंत्र मिलने से वह काफी खुश है। वे बताती है कि अब उन्हें सुनने में कोई परेशानी नहीं होती है। इसके लिए सुश्री मंदाकिनी ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है।
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