सामाजिक बहिष्कार गैर कानूनी, होगी तीन साल की जेल
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने जगदलपुर में मामलों की सुनवाई की। एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी का भी सामाजिक बहिष्कार करना गैर कानूनी है। इसके लिए 3 साल की जेल और 2 लाख रुपए जुर्माना का प्रावधान है।
जिस महिला को गांव के लोगों ने समाज से बाहर कर दिया है, पुलिस और प्रशासन की टीम गांव जाए। हर एक ग्रामीण के सामने घोषणा कराई जाए कि इन्हें बाहर नहीं किया गया है। यदि ऐसा नहीं होता है तो महिला ने जिनके खिलाफ मामला बताया है उनपर FIR दर्ज की जाए।
दरअसल, बस्तर के एक गांव की महिला ने राज्य महिला आयोग में शिकायत की थी कि वो अपने गांव में समूह की महिलाओं के साथ मिलकर ठेके में मछली पालन का काम करती है। लेकिन कुछ दिन पहले गांव के ही कुछ व्यक्ति वहां पहुंचे थे। तालाब से जबरदस्ती मछली पकड़कर ले गए।
जिसकी शिकायत आयोग में करने के बाद उन्होंने समाज से बहिष्कृत कर दिया। समूह पर 60 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया है। आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लिया। आयोग ने दोनों पक्षों को समझाइश दी है।
साथ ही कहा है कि दिनांक 28 अगस्त 2024 को संरक्षण अधिकारी और पुलिस निरीक्षक माधुरी नायक और उनकी टीम गांव में जाकर सामाजिक बहिष्कार को खत्म कराए। उप सरपंच सारे ग्रामीणों को एक जगह उपस्थित कराए।
जहां पर गांव वाले महिला समूह के खिलाफ कोई भी सामाजिक बहिष्कार नहीं किया गया है, ऐसी घोषणा करेंगे। अगर ऐसा नहीं किया गया तो पुलिस अधिकारी तत्काल FIR दर्ज करें।
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