Video: शराब दुकानों में सुनियोजित ढंग से हो रही ओवर रेटिंग , क्या सहायक आयुक्त विकास गोस्वामी लगाम लगाने में असमर्थ?




रायपुर। प्रदेश भर में आबकारी विभाग सरकारी शराब दुकानों का संचालन कर रहा है और ठेके पर कर्मचारी सेल्समैन का काम कर रहे हैं। कुछ माह पूर्व विभाग की टीमों ने औचक निरीक्षण कर कई दुकानों में कर्मचारियों को ओवर रेट पर शराब बेचते हुए पकड़ा और ऐसे कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाने के साथ ही इनके खिलाफ FIR भी दर्ज करवाई। इस तरह की कठोर कार्यवाही के बाद भी प्रदेश की राजधानी में शराब दुकानों के कर्मी निर्धारित दर से ज्यादा कीमत पर बिक्री कर रहे हैं। आरोप लग रहे हैं कि अधिकारियो के संरक्षण में ही इस तरह का अवैध कारोबार चल रहा है।


हमने जब संतोषी नगर शराब दुकान में स्टिंग किया तब पता चला की ग्राहकों को 130 रुपए की गोवा स्पेशल 150 में दी जा रही थी। उसके लिए अलग से एक लड़का बाहर खड़ा रहता है और सेल्समैन के इशारे पर पैसा लेकर शराब देता है। समय और तारीख अधिकारियो को न्यूज 36 ऑनलाइन मुहाया करा दी जाएगी ताकि वो इस पर एक्शन ले सके और सीसीटीवी कैमरा भी चेक कर सके।

राजधानी में शराब दुकानों से ओवर रेट की शिकायतें थम नहीं रही हैं। अधिकांश दुकानों में देशी-विदेशी मदिरा एमआरपी के अलावा बढ़ी हुई कीमतों में बेची जा रही है। देशी मदिरा की बिक्री में तो चिल्हर की किल्लत का बहाना बना रहे हैं। वहीं विदेशी मदिरा की कीमत में दुकानदार की मनमर्जी चल रही है। आलम यह है कि आबकारी सचिव आर. शंगीता के तमाम निर्देशों के बाद भी ओवररेट बिक्री नहीं रुक रही है। बता दें कि राजधानी में शराब बिक्री में ओवर रेट की शिकायत पुरानी ही है।



सुनियोजित ढंग से अधिक दर पर बेच रहे शराब


मीडिया द्वारा की गई तहकीकात के दौरान राजधानी की जिन सरकारी दुकानों में MRP से अधिक दर पर शराब की बिक्री नजर आयी, उनमें भाटागांव एफएल, भाटागांव देशी, संतोषी नगर एफएल सीएल,सदर बाजार, शंकर नगर , इलाके में संचालित दुकानें शामिल हैं, जहां शराब की बोतलें एमआरपी से अधिक दर पर बेची जा रही हैं।


कुछ दुकानों में शराब की कीमत को लेकर बोर्ड लगा भी नजर आता है मगर कीमत इतने छोटे अक्षरों में लिखी होती है कि उन्हें अच्छी तरह पढ़ा नहीं जा सकता। दुकानों से शराब खरीदते समय अधिकांश ग्राहक ज्यादा दर होने पर भी विरोध नहीं करते, वहीं जो शख्स विरोध दर्शाता है, उससे आसपास मौजूद चंद युवक बहस करने लगते हैं और आरोप लगाते हैं कि वे दुकान चलाने में व्यवधान डाल रहे हैं। ऐसे में ग्राहक चुपचाप अधिक दर से ही सही, अपने लिए बोतल खरीदता है और वहां से निकल जाता है। दरअसल ओवर रेट वाली दुकानों में ऐसे ही कुछ बदमाश युवकों को हायर करके रखा गया है, जो ओवर रेट की बात उठाने वालों को दबाव पूर्वक शांत करने का प्रयास करते हैं।


प्रभारी अधिकारियों का संरक्षण


एक बात तय है कि अगर इलाके का आबकारी अमला अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह निभाए तो किसी भी दुकान में ओवर रेट में शराब नहीं बिक सकती। स्वाभाविक है कि इस अमले के संरक्षण में ही सेल्समैन खुलकर अधिक दर पर शराब बेच रहे हैं।


शिकायत के लिए नहीं लगा है टोल फ्री नंबर का बोर्ड


दरअसल आबकारी विभाग ने शराब की खरीद-बिक्री से संबंधित कोई भी शिकायत होने पर टोल फ्री नंबर 14405 का इन दुकानों में बोर्ड लगाने का निर्देश दिया गया है, मगर इस तरह के बोर्ड या स्टिकर गायब हैं। कुल मिलाकर शराब दुकानों पर विभाग का कंट्रोल नहीं के बराबर दिखाई देता है।


टोल फ्री नंबर लगाओ तो मिलता है बंद


मीडिया की टीम ने आबकारी विभाग के टोल फ्री नंबर को जांचने की नियत से रात 8 बजे कॉल किया। इस दौरान जवाब आया कि अपने जो नंबर डायल किया है, वो अभी बंद है। इसी तरह हमने दिन में भी फोन लगाया, मगर तब भी यह नंबर बंद बताता रहा। इससे समझा जा सकता है कि विभाग की व्यवस्था की हकीकत क्या है।


आबकारी विभाग पुराने कार्यवाही पर थपथपा रही अपनी पीठ


जब इस मामले पर आबकारी कमिश्नर से बात चीत की गई तो उन्होंने कहा सभी दुकानों में कार्यरत कर्मचारियों को हमने साफ निर्देश दे दिया है यदि कोई ओवर रेट करता है या गड़बड़ी की शिकायत आती है तो ऐसा पाए जाने पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी । और अधिकारियो का  कहना है कि हमारे दुकानों पर सब कुछ सही चल रहा है। ओवर रेट भी नही हो रही है। लेकिन कुछ जगहों पर शिकायत मिलती है तो हम कार्यवाही करके ऐसा करने वाले कर्मचारियों पर कड़ी कार्यवाही करते है उनको निकाल के नए स्टाफ रखते है। 

ब्रांड पर हो रहा खेल



ओवर रेटिंग तो आम बात है अब नए तरीके से सुनियोजित तरीके से ब्रांड पर अवैध वसूली का खेल चल रहा है। ग्राहकों की जेब खाली की जा रही है। इस बात का तहकीकात जब हमारे रिपोर्टर्स ने की तब पता चला जैसे चीपर रेंज की जो ब्रांड है गोवा, जम्मू, सीजी अन्य आदि पर खेल किया जा रहा है । वैसे ही बियर की सबसे अधिक बिकने वाली ब्रांड सिम्बा में अलग अलग नाम जैसे जंगल सीरीज,स्ट्रॉन्ग ,लेजर सभी की रेट अलग अलग है उसको ग्राहक नही जानते है और उन्हें सभी दुकानों में अलग अलग रेट से भेजा जाता है।


बीते दिनों प्रदेश में आबकारी विभाग के द्वारा संचालित दुकानों पर कार्यरत ऐसे  कर्मचारियों को जो ओवर रेट या गड़बड़ी कर रहे थे उनके ऊपर कार्यवाही करके 57 सेल्स मैन और कर्मचारी पर कार्यवाही करते हुए उन्हें निकाल बाहर किया गया। लेकिन यह जो कार्यवाही हुई है यह पुराने कार्यवाही है इसमें से लगभग 4 नए मामले में कार्यवाही की गई है। बाकी सभी पुराने कार्यवाही को बताकर विभाग अपनी पीठ थपथपा रही है। ताकि ऐसा लगे कि विभाग काम कर रही है । जब कि अधिकारियो की मिली भगत से ही कर्मचारी शराब का काला कारोबार  कर रही है। 


जब मीडिया रिपोर्टर्स इस पर पड़ताल करने स्टिंग बनाने जाती है तो इनको शराब दुकानों में कार्यरत कर्मचारियों के द्वारा रखे हुए आस पास के असमाजिक तत्वों बदमाशो के द्वारा गुंडा गर्दी का सामना भी करना पड़ता है। जिससे साफ है कि ये पूरा अवैध कारोबार सुनियोजित ढंग से चल रही है। साथ ही ये सभी अलग अलग दुकानों के कर्मचारी भी हाईटेक हो गए है यह लोग इयर फोन लगा के एक दूसरे से कनेक्ट रहते है ताकि यदि किसी दुकान में मीडिया रिपोर्टर्स जाते है तो दूसरे दुकान में कर्मी सतर्क हो जाते है। जिससे ऐसा प्रतीत होता है की सब कुछ सही चल रहा है जब की मीडिया के जाते ही ये अपना ओवर रेटिंग बंद कर देते है। जिससे इनके गड़बड़ी का पता लगाना मुश्किल है। इससे साफ है कि ये किसी कार्यवाही और अधिकारियो तक से डरते नहीं हैं।


इस पूरे मामले पर सहायक आयुक्त विकास गोस्वामी के कानो पर जू तक नही रेंग रही है जिससे ऐसा प्रतीत होता है अधिकारी साहब वरदान लेके बैठे है। इसमें जब हमारे रिपोर्टर ने ऑफ कैमरा सेल्समैन से बात की तब किसी दिलीप यादव भैया ,हेमत सिन्हा की दुकानें है उनसे मिल लीजिए ऐसा रिपोर्टर से कहा गया वही सब मैनेज करते है। तो क्या आबकारी अधिकारी इन बातो से अनभिज्ञ है।


जब हमारे रिपोर्टर ने तहकीकात की तो ये पाया की जम्मू डीलक्स और जम्मू स्पेशल दो ब्रांड होने के कारण जम्मू स्पेशल को 170 में बेचा जाता है जब की उसका रेट 130 है वही बियर में भी सिमाबा की अलग अलग सीरीज है जैसे सिम्बा  स्ट्रॉन्ग प्राइड सीरीज और सिम्बा जंगल सीरीज स्ट्रॉन्ग है इससे नाम में कन्फ्यूजन होने के कारण जिस बियर का रेट 220 है उसको कीमत में बढ़ोतरी होने का हवाला  250 में ग्राहकों को बेचा जा रहा है। साथ ही अभी शराब की बोतलों की कीमतों में बढ़ोतरी भी की गई है लेकिन पुराने स्टॉक्स में प्रिंट रेट अलग है और उस पर स्कैम करके नए रेट पर ग्राहकों को दी जाती है ताकि ग्राहकों द्वारा सवाल न उठाया जा सके ।

 हमने दुकान प्रभारी अधिकारीयों से बात की क्या कार्यवाही क्यों नही हो रही है तब दबी जुबान से यह सामने आया की सहायक आयुक्त के कहने से ही कार्यवाही की जाती है।

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