12वीं फेल: रियल हीरो आईपीएस मनोज शर्मा पहुंचे, नालंदा परिसर -कला केंद्र को सराहा
रायपुर। प्रसिद्ध बॉलीवुड मूवी 12वीं फेल के रियल हीरो आईपीएस मनोज शर्मा बुधवार रात 9 बजे राजधानी के नालंदा परिसर पहुंचे, जहां स्थित लाइब्रेरी का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने तक्षशिला और कला केंद्र का भी भ्रमण किया। उल्लेखनीय है कि आईपीएस मनोज शर्मा इस समय सीआईएसएफ में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पद पर आईजी के पद पर कार्यरत हैं। उनके जीवन के संघर्ष पर आधारित बायोपिक 12वीं फेल बनाई गई है जो युवाओं के बीच काफी चर्चित है। कलेक्टर डॉ गौरव सिंह, एसएसपी संतोष सिंह, नगर निगम कमिश्नर अबिनाश मिश्रा और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने स्वागत किया। कलेक्टर डॉ सिंह ने शॉल और एसएसपी संतोष सिंह ने विवेकानंद पर आधारित साहित्य भंट की।
शर्मा ने नालंदा परिसर स्थित लाइब्रेरी के प्रथम तल और द्वितीय तल का भ्रमण किया। कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने लाइबें से पुस्तक इशू कराने की जानकारी दी। जिसकी आईपीएस शर्मा ने सराहना की। उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए विजिटर बुक में लिखा कि, मैने कभी इतनी अच्छी लाइब्रेरी नहीं देखी, जहा एक साथ इतने सारे छात्र-छात्राएं मेहनत कर रहे है। उन्होंने युवाओं के लिए लिखा हमेशा इस सुविधा का भरपूर उपयोग करें। उनका यह अनुभव छात्रों के लिए प्रेरणादायक था। उन्होंने छात्रों को उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और बताया कि किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए शिक्षा और मेहनत की आवश्यकता होती है। हमेशा खूब मेहनत करो और सफल हो। वे तक्षशिला लाइब्रेरी गए और भ्रमण कर जानकारी ली।
आइपीएस मनोज शर्मा कला केंद्र में पहुंचे और विभिन्न कक्षों सहित रिकॉडिंग स्टूडियो का अवलोकन किया। इस दौरान वाद्य यंत्रों से लेकर पेंटिंग तक की जानकारी उपस्थित शिक्षकों से ली। कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने सभी केंद्रों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उनके समक्ष शिक्षक ने बांसुरी की धुन प्रस्तुत की जिसे बडे ही भावपूर्ण से सुना। उन्होने कहा कि कला केन्द्र को मुंबई जैसे महानगर के तर्ज पर सांस्कृतिक केन्द्र और स्टूडियों के रूप में विकसित किया जा सकता है। नालंदा और तक्षशिला लाइब्रेरी में अध्ययनरत युवाओं ने छात्रों से कहा आईपीएस मनोज कुमार शर्मा का जीवन प्रेरणादायी है। साथ ही उनके जीवन से संदेश मिलता है कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि विधु विनोद चोपड़ा द्वारा बनाई गई फिल्म ट्वेल्थ फेल आईपीएस मनोज कुमार शर्मा की जीवनी पर इसी नाम से आधारित पुस्तक से एडॉप्ट की गई है। इस बायोपिक फिल्म की कहानी यह है कि जब मनोज शर्मा जब चंबल में अपने गांव में हायर सेकेंडरी की पढ़ाई कर रहे थे तब उनके स्कूल में नकल कराई जाती थी और नकल से ही लोग पास होते थे। उस साल जिसमें मनोज परीक्षा दे रहे थे एक एसडीएम अचानक निरीक्षण के लिए पहुंच गए और नकल रोक दी जिससे मनोज फेल हो गए। इसके बाद मनोज ने निश्चय किया कि कभी नकल नहीं करेंगे और सिविल सेवा की तैयारी करेंगे ताकि देश को बेहतर बनाने में अपना योगदान दे सकें। उनकी कहानी ने देश के लाखों युवाओं को प्रभावित किया है और उन्हें कड़ी मेहनत तथा ईमानदारी के साथ अपना करियर संवारने की प्रेरणा दी है।
No comments:
Post a Comment