करंट की चपेट में आने से हाथी के बच्चे की मौत

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में वन मंडल के ग्राम टिंगीपुर में हाथी के बच्चे की मौत हो गई है। उसके शरीर में तार से चोट लगने के निशान पाए गए हैं। वन अधिकारी प्रारंभिक जांच में मान रहे हैं कि हाथी के बच्चे की मौत जंगली जानवरों के शिकार के लिए बिछाए गए करंट वाले तार की चपेट में आने से हुई। मौके से कुछ लकड़ी के खूंटे और करंट लगाने वाले तार जब्त किए गए हैं।

साथ ही दो किसानों को गिरफ्तार किया गया है। ग्राम टिंगीपुर के परसापारा में शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने हाथी का शव देखा और इसकी सूचना वन अधिकारियों को दी। सूचना मिलने पर बिलासपुर और मुंगेली वन मंडल के डीएफओ तथा एटीआर के अधिकारी मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू की। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हाथी के बच्चे का शव करीब तीन दिन पुराना है। हाथी के गले और पैरों में चोट के निशान पाए गए हैं। मृत हाथी के बच्चे की उम्र 2 से 3 साल के बीच बताई जा रही है।

पशु चिकित्सकों ने शनिवार को हाथी के शव का पोस्टमार्टम किया, जिसमें प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, मौत का कारण करंट लगना पाया गया है। जहां हाथी बच्चे की लाश मिली है, वहां करंट लगाने वाले तार और लकड़ी के खूंटे जब्त करने के साथ ही वन अधिकारियों ने खेत के मालिक कमल सिंह गोड़ और उसके बेटे मनोज सिंह गोड़ को गिरफ्तार किया है।

पूछताछ में दोनों ने बताया कि उनके खेत में जंगली सूअर और छोटे-छोटे जंगली जानवर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे थे, इसलिए उन्होंने खेत के किनारे करंट तार लगाई थी। संभवता उसी के चपेट में आकर नर हाथी शावक की मौत हुई है।

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