जिला अस्पताल में 49 बच्चों की जांच, निकले 23 हृदयरोगी


रायपुर। बुजुर्गों, युवाओं के बाद अब छोटे बच्चों में दिल की बीमारी का मामला सामने आ रहा है। छोटे बच्चों में दिल की बीमारी का मामला मंगलवार को जिला अस्पताल में दिखाई दिया। जब 49 बच्चों की जांच की गई तो उनमें से 23 बच्चों में हृदय रोग के लक्षण पाए गए। दरअसल राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु) के तहत हृदय रोग की जांच की जा रही थी। जिनमें 18 बच्चे गंभीर रूप से इस रोग से पीड़ित हैं। इनमें सांस लेने पर परेशानी, वॉल्व सही तरीके से नहीं खुलने सहित अन्य समस्याएं पाई गई हैं।

रायपुर में कराया जाएगा नि:शुल्क इलाज

विशेषज्ञ की इको रिपोर्ट के आधार पर 18 बच्चों को हायर सेंटर रायपुर में नि:शुल्क इलाज कराया जाएगा। नवा रायपुर में होगा नि:शुल्क इलाज : बच्चों का श्रीसत्य सांई संजीवनी हॉस्पिटल नया रायपुर में नि:शुल्क इलाज कराया जाएगा। इस दौरान जिपं सदस्य वंदना राजवाड़े, जनपद अध्यक्ष सौभाग्यवती सिंह, सिविल सर्जन डॉ आयुष आयसवाल, डीपीएम डॉ अशरफ अंसारी, डॉ अभिषेक गढ़ेवाल, जिला समन्वयक शिशिर जायसवाल, अस्पताल सलाहकार प्रियंका कुरील, सरोजनी राय सहित अन्य मौजूद थे।

चिरायु टीम पहुंची थी- कोरिया, नोडल अधिकारी चिरायु, डॉ. अभय जुगल तिर्की: शिविर मेें बच्चों की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की समय पर पहचान हुई। कुल 60 बच्चे आए। जिसमें कुछ पुराने और 49 नए बच्चे शामिल हैं। हृदयरोग विशेषज्ञों की इको जांच में 18 बच्चों में हृदय रोग के गंभीर लक्षण पाए गए हैं। जिनका रायपुर में नि:शुल्क इलाज कराया जाएगा।

23 बच्चों में पाए गए हृदय रोग के लक्षण

रायपुर से आए हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. अनूप सिंह और डॉ. निखिल ने जिला अस्पताल में बच्चों की स्क्रीनिंग, ईको कर परामर्श दिया। हृदयरोग जांच शिविर में 2 माह से 12 साल के चिन्हांकित कुल 60 बच्चों का नि:शुल्क हृदय रोग जांच एवं ईको परीक्षण कराया गया। जिसमें 49 नए बच्चे और 11 पुराने बच्चे, जो पहले इलाज करा चुके शामिल हैं। उनमें से 23 बच्चों में हृदय रोग के लक्षण पाए गए हैं।

इन लक्षणों का परीक्षण

चिह्नित बच्चे पोषण पुनर्वास केंद्र, जिलेभर के आंगनबाड़ी केंद्र और प्राइमरी स्कूल से लाए गए थे। चिरायु टीम ने अलग-अलग स्कूल और आंगनबाड़ी में कैंप लगाकर सेहत जांची थी। उसी समय कुछ समस्याओं की पहचान की गई थी। जिनको जिला अस्पताल कैंप में लाया गया था। चिह्नित 18 बच्चों में हृदय संबंधी समस्याएं मिली है। जबकि चिह्नित 5 बच्चों में हल्का लक्षण होने पर फॉलोअप लिया जाएगा।


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