जिस दिन से लक्ष्य पाने के लिए नींद उड़े समझिये आप सफलता की राह में आगे बढ़ रहे है : आनंद कुमार
रायगढ़। वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी की पहल पर रायगढ़ के रामलीला मैदान में बच्चों के बेहतर भविष्य निर्माण के लिए 'उत्कर्ष भविष्य की उड़ान' के तहत करियर गाइडेंस सेमिनार का आयोजन हुआ। जिसमें सुपर 30 के संस्थापक और गणितज्ञ आनंद कुमार विद्यार्थियों को करियर के टिप्स दिए। मौके पर विद्यार्थियों ने फ्लैश लाईट जलाकर आनंद कुमार का स्वागत किया। इस दौरान कलेक्टर कार्तिकेया गोयल, पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, जिला पंचायत सीईओ जितेन्द्र यादव उपस्थित रहे।
सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार कहा कि यहां आने का उद्देश्य मात्र इतना है कि हम जानते हैं वित्त मंत्री ओ.पी चौधरी जो कार्य करते हैं, पूरी शिद्दत के साथ करते हैं और रायगढ़ में राज्य की सबसे बड़ी लाइब्रेरी नालंदा परिसर का निर्माण किया जा रहा है। आप लोगों को जितनी खुशी हो रही है उससे ज्यादा खुशी मुझे हो रही है। इससे कितने ही बच्चों को पढऩे का सौभाग्य मिलेगा। इस दौरान उन्होंने वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी के संघर्ष का उदाहरण देते हुए कहा कि वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी के समान जो सपना देखते हैं, वो अपने सपने को मेहनत के बल पर धरातल पर भी उतार सकते हैं। उन्होंने सपना देखा था और वे अपने मेहनत के बल पर आईएएस भी बने। श्री आनंद कुमार ने कहा कि जो व्यक्ति अनुभव को जीता है, कष्ट को सहता है और उस कठिन परिस्थिति में भी धैर्य बनाए रखता है उसको सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने बच्चों से कहा कि भले ही आज का दिन आपका ना हो, जीवन संघर्ष भरा हो, आपके पास सुख-सुविधाएं न हो लेकिन आप जितनी शांति और उत्सुकता के साथ में बैठे हुए हैं और सुन रहे हैं साथ ही मेहनत कर रहे हैं निश्चित तौर पर आने वाला समय आपका होगा।
वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने कहा कि जिले के विकास के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके तहत विभिन्न निर्माण कार्यों के साथ युवाओं के लिए प्रयास विद्यालय, नालंदा परिसर, हॉर्टिकल्चर महाविद्यालय, करियर मार्गदर्शन जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है, ताकि युवाओं को बेहतर दिशा मिल सके। उन्होंने कहा कि हमारी सोच का हिस्सा है कि भारत एक विकसित राष्ट्र बने और हमारे युवा अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचे। उन्होंने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम इस विजन पर कार्य कर रहे हैं ताकि आज से 10 साल बाद रायगढ़ जिले को आपके नाम से पहचाना जाए। फिर आप चाहे कोई बड़ा डॉक्टर, बड़ा इंजीनियर, बिजनेसमैन, आईएएस, आईपीएस या बड़े मीडिया पर्सन बने और अपने माता-पिता का नाम के साथ ही रायगढ़ का नाम रोशन करें, जिससे 10 साल बाद आपका हस्ताक्षर ऑटोग्राफ के रूप में बदल जाए। उन्होंने सभी बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए खूब मेहनत करने की बात कही।
आनंद कुमार ने उनके संघर्ष पर बने फिल्म सुपर 30 के संबंध में संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने फिल्म के एक किरदार की असल जीवन के संघर्ष की जानकारी देते हुए कहा कि वह बच्चा अभिषेक राज है। उन्होंने बताया कि अभिषेक के माता-पिता कम पढ़े लिखे है लेकिन कहते थे आधा पेट खायेंगे लेकिन बच्चे को पढ़ाएंगे, क्योंकि पढ़ाई में वो ताकत है जो जिंदगी बदल देती है। यह बात हर माता पिता को समझना होगा। वह बच्चा पूरे दिन मेहनत करता था और रात में होटल के बाहर पढ़ाई करता था। अभिषेक ने अपने सपने को मरने नहीं दिया मेहनत किया। जिसे देख के मैने घर के बाकी सदस्य से बात कर, उसे घर लाया और ऐसे 29 और निर्धन जरूरतमंद बच्चो को ढूंढ कर सुपर 30 की शुरुआत की। अभिषेक ने 2 साल संघर्ष और मेहनत के पश्चात केवल एक अटेम्प्ट में आईआईटी खडग़पुर पहुंचा और विभिन्न देशों में नौकरी के पश्चात आज अमेरिका में कार्य कर रहा है। इसी प्रकार शशि नारायण ने ठान लिया था कि सुविधा कम है तो क्या हुआ संघर्ष करेंगे और मेहनत करेंगे। उन्हें अंग्रेजी बिल्कुल नहीं आती थी, लेकिन मेहनत के बल पर आईआईटी खड़कपुर में एडमिशन मिला, लेकिन रैंक कम था। उन्होंने मेहनत करना नहीं छोड़ा और आईआईटी खडग़पुर के रिजल्ट के सारे रिकॉर्ड ब्रेक कर कंप्यूटर साइंस में प्रमोट हुए और आज गूगल में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कभी मत सोचें कि आप शासकीय स्कूल में पढ़ते है, सुविधाएं कम है तो कुछ नहंी कर सकते, जो संघर्ष से आगे बढ़ता है उसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता। उन्होंने निधि झा के संघर्ष के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज हमारे पास 17 बैच के 510 बच्चों के संघर्ष की कहानियां है। जिन्हें हमने केवल एक प्लेट फॉर्म दिया लेकिन मेहनत उन्होंने किया। आपको ज्ञान से इनोवेशन की ओर बढऩा है, पढ़ाई का तरीके के साथ कैसे और क्यों को समझे। उन्होंने कहा कि सेल्फ स्टडी करें, दूसरे से कंपटीशन न करें स्वयं देखे क्या कर रहे है। आनंद कुमार ने कहा कि यह जीवन है और लगातार मेहनत करना चाहिए कई बार मेहनत करने के पश्चात पढ़ाई में मन नहीं लगता, आलस आने लगती है, पढ़ाई में इंटरेस्ट खत्म होने लगती है, यह अच्छी बात नहीं है। जिस दिन आप अपने लक्ष्य के प्रति संकल्पित हो जाएंगे उसे दिन से आपकी नींद उड़ जाएगी।
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