फडणवीस का नाम फाइनल, बैठक में लगेगी अंतिम मुहर, बीजेपी नेता का दावा
मुंबई। महाराष्ट्र को अब जल्द नया मुख्यमंत्री मिलने वाला है. बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस का नाम तय हो गया है. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता का दावा है कि 2 या 3 दिसंबर को विधायक दल की बैठक होगी, उसमें फडणवीस को विधायक दल के नेता के रूप में चुन लिया जाएगा.
देवेंद्र फडणवीस इससे पहले 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं. दूसरी बार उन्होंने अक्टूबर 2019 में सीएम पद की शपथ ली थी. हालांकि, बाद में उन्हें 3 दिन बाद इस्तीफा देना पड़ा था. उसके बाद वे 2022 से महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम हैं. फडणवीण नागपुर दक्षिण पश्चिम से 1999 से विधायक हैं. इस बार वे छठी बार चुनाव जीते हैं. इससे पहले वे नागपुर नगर निगम के मेयर भी रह चुके हैं.
महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के नतीजे 23 नवंबर को आ गए थे. महायुति को प्रचंड बहुमत मिला है. महायुति ने 233 सीटें हासिल की हैं. बीजेपी ने 132, शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटें जीती हैं. हालांकि, नतीजे आने के 10 दिन बाद भी सीएम का नाम फाइनल नहीं हो पाया है. इसे लेकर लगातार खींचतान देखने को मिल रही है.
न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस का नाम तय हो गया है. बीजेपी विधायक दल का नया नेता चुनने के लिए बैठक 2 या 3 दिसंबर को होगी. इस बैठक में विधायक दल के नेता के तौर पर आखिरी मुहर लग जाएगी. इससे पहले निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि वो नया मुख्यमंत्री चुनने के बीजेपी के फैसले का समर्थन करेंगे.
बेटे श्रीकांत शिंदे को डिप्टी सीएम बनाने और शिवसेना का गृह विभाग पर दावे को लेकर एकनाथ शिंदे ने कहा कि महायुति सहयोगी बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना- एक साथ बैठकर आम सहमति से सरकार गठन का फैसला करेंगे.
बताते चलें कि महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर की शाम को होगा. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी भी रहेगी. ये कार्यक्रम मुंबई के आजाद मैदान में होना है.
विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत के बाद बीजेपी बेहद सावधानी से आगे बढ़ रही है. एनडीए के सहयोगियों विशेषकर शिवसेना की आकांक्षाएं बढ़ गई हैं. सहयोगी दलों के कुछ नेताओं के अलग-अलग बयान सुर्खियों में बने हुए हैं.
महायुति के एक वरिष्ठ नेता का कहना था कि सहयोगी दल संयुक्त रूप से तय करेंगे कि 5 दिसंबर को सिर्फ मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शपथ लेंगे या मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता रावसाहेब दानवे ने कहा, अगर अविभाजित शिवसेना और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा होता तो हम ज्यादा सीटें जीतते. शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने दावा किया कि अगर अजित पवार की एनसीपी गठबंधन का हिस्सा नहीं होती तो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी चुनाव में 90-100 सीटें जीत सकती थी. शिवसेना ने सिर्फ 85 सीटों पर चुनाव लड़ा था.
महायुति के एक वरिष्ठ नेता का कहना था कि सहयोगी दल संयुक्त रूप से तय करेंगे कि 5 दिसंबर को सिर्फ मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शपथ लेंगे या मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी.
इससे पहले शुक्रवार को एकनाथ शिंदे इन अटकलों के बीच सतारा जिले में अपने पैतृक गांव के लिए रवाना हो गए थे कि वे नई सरकार के गठन के फॉर्मूले से खुश नहीं हैं. वे अपने गांव में बीमार हो गए थे. बाद में ठीक हुए तो मुंबई रवाना हुए. रविवार को शिंदे ने कहा, मैं पहले ही कह चुका हूं कि बीजेपी नेतृत्व सीएम पद पर जो फैसला लेगा, वह मुझे और शिवसेना को स्वीकार्य होगा और उसे मेरा पूरा समर्थन होगा.
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