Video:नेशनल हाइवे से लगे ढाबा में बैठाकर पिलाई जा रही है शराब ,क्या पुलिस और अधिकारी के संरक्षण में हो रही ढाबा में शराब खोरी?
दुर्ग– राजनांदगांव: प्रदेश में शराब दुकानों में सब कुछ अच्छा चल रहा दावा करने वाले अधिकारियों का अपने प्रभार क्षेत्रों में कुछ पकड़ नहीं है । मामला दुर्ग राजनांदगांव नेशनल हाइवे में स्थित हमारा ढाबा का है । हाईवे के किनारे स्थित ढाबों में खुले आम शराब खोरी की जाती है। बैठने की व्यवस्था खाने पीने की व्यवस्था होती है। लोग अपने साथ शराब लाके ढाबे में बैठते है और शराब पीते करते है। और यदि ग्राहक शराब पीना चाहता है तो उसे अधिक रेट में बीयर दारू सब कुछ दिया जाता है। वीडियो में ढाबा संचालक और ग्राहक बन कर गया मीडिया टीम जब पूछती है कि इतना रेट क्यों तब उनका जवाब सुनकर दंग रह जाएंगे एक बीयर बोतल का 380 रूपए लिया जा रहा है । वहीं सभी ब्रांड के शराब मुहैया करने का दावा ढाबा संचालक करता है । और जब इतना अधिक रेट क्यों ले रहे पूछने पर ढाबा का मालिक ये भी कहता है कि क्या करे पेट्रोल ,थाना और आबकारी अधिकारियों को भी देना पड़ता है।
वीडियो में ग्राहक और ढाबा संचालक बात करते है और बीयर के ज्यादा कीमत पर जब सवाल करते है तब ढाबा संचालक बिंदास होकर कहता है हम तो पुलिस.... और अधिकारी को भी देते है। मतलब इस कॉन्फिडेंस से पता चलता है कि बिना पुलिस और अधिकारी के सेटिंग के ये काम नहीं हो सकता । तभी तो बाकायदा शराब ढाबा में रखी जाती है और तो और ग्राहकों को बैठा के खुले आम पिलाया जा रहा है। बिना किसी पुलिस और अधिकारी के डर के ऐसा काम भला कौन कर सकता है। इस प्रकार इस दुर्ग राजनांदगांव हाइवे में रोड किनारे ढाबा में गैर कानूनी रूप से शराब पिलाई जा रही है। लेकिन इसकी खबर क्या अधिकारियों को नहीं है या वो भी संलिप्त है। तभी तो बाकायदा बैठा कर हमारा ढाबा में शराब पिलाई जा रही है और शराब भी मुहैया करी जा रही है।
बिना किसी वैध लाइसेंस के इस प्रकार ढाबों और होटलों में शराब पिलाना गैर कानूनी है । लेकिन पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारी इन ढाबों में कार्यवाही करने से बच रहे है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है। किस प्रकार ढाबों में शराब खोरी हो रही है।
जिले के प्रभारी अधिकारी कार्यवाही करने से बच रहे है उनका कहना है कि यह ढाबा हमारे कार्यक्षेत्र से बाहर है दूसरे जिले का मामला है। अब जब राजनांदगांव के प्रभारी अधिकारी को जब फोन लगाया गया तो उनका फोन बंद आ रहा है लग नहीं रहा है। इस प्रकार अधिकारी के नाक के नीचे ढाबों में अवैध शराब पिलाने का कार्य किया जा रहा है।
जब इस मामले पर आबकारी विभाग के उच्च अधिकारियों से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने फोन तक नहीं उठाया और जिले के प्रभारी अधिकारी यदुनंदन राठौर ने कार्यवाही करने की बात तो कही पर ये भी कहा कि हमें प्वाइंट बताईए अब सवाल ये उठता है कि अधिकारी अपने क्षेत्र में हो रही अवैध शराब बिक्री पर लगाम नहीं लगा पा रहे । ग्राहकों को ओवर रेट में शराब लेने विवश किया जा रहा है। यदि ढाबा संचालक कह रहा है कि हम अधिकारी को देते है पुलिस को देते है। इसका क्या मतलब है क्या अधिकारी के संरक्षण में ढाबा में शराब पिलाई जा रही है।
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